Chandigarh,28May,2019 NewsRoots18
हरियाणा रोड़वेज तालमेल कमेटी के आह्वान पर प्रदेश के सभी डिपों पर किए गए दो घंटे के प्रदर्शन से ही घबराई हरियाणा सरकार ने विधानसभाओं चुनावों के मद्देनजर पहली बार इतनी जल्दी रोड़वेज कर्मचारियों की मांग मान ली है। हाल ही में हरियाणा परिवहन विभाग ने अनुबंध आधार पर लगे करीब 450 कर्मचारियों को हटाने के आदेश दिए थे।
परिवहन विभाग ने विभाग में नियमित कर्मचारी प्रयाप्त मात्रा में होने का हवाला देकर इन कर्मचारियों को हटाने के आदेश दिए थे। जिसके खिलाफ हरियाणा रोड़वेज तालमेल खमेटी के आह्वान पर हरियाणा के सभी डीपों पर हरियाणा रोड़वेज की सभी कमेटीयों ने 9 बजे से लेकर 11 बजे तक धरना प्रदर्शन किया। मामले को तूल पड़कता देख परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने मीडिया में घोषणा करी कि फिलहाल इनकी सेवाएं समाप्त नहीं की जाएंगी।
विभाग में पर्याप्त स्टाफ - परिवहन मंत्री
परिवहन मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इनकी सेवाएं समाप्त न करने के संबंध में अनुरोध किया गया है और तब तक इनकी सेवाएं जारी रहेंगी। उन्होंने
कहा कि इन चालकों को एक वर्ष के लिए रखा गया था और यह शर्त थी कि नियमित
चालकों के आने के बाद इनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। वर्ष 2017 और 2018
में इन्हें एक्टेंशन प्रदान की गई थी जो 2019 तक जारी थी। अब विभाग के पास
फ्लीट के मुताबिक पर्याप्त स्टाफ है लेकिन इसके बावजूद फिलहाल इनकी सेवाएं
समाप्त नहीं की जाएंगी।
स्टाफ की भारी कमी-वीरेन्द्र धनखड़
वहीं रोड़वेज यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष व तालमेल कमेटी के सदस्य वीरेन्द्र धनखड़ ने बताया कि आज के समय रोड़वेज के बेड़े में चार हजार गाड़िया है, 1:7 के हिसाब से सात हजार चालकों की विभाग को आवश्यकता है लेकिन वर्तमान में 6600 चालक है। इसी प्रकार कार्यशालों में भी तकनीकि स्टाफ की आज भी भारी कमी है। उन्होंने ने कहा कि जब तक सरकार कर्चमारी विरोधी फैसला वापिस लेकर कर लिखीत आदेश नहीं देगी रोड़वेज तालमेल कमेटी सरकार के खिलाफ रणनीति बनाकर आंदोलन करेगी।
एक तरफ जहां सरकार इन कर्मचारियों का निवाला छीन रही है वहीं दूसरी तरफ स्टाफ के अभाव में परिवहन विभाग की सेवाएं भी प्रभावित हो रही है।
2018 में 18 दिन चली थी रोड़वेज की हड़ताल
16 अक्टूबर 2018 को किलोमीटर स्कीम पर प्राइवेट बसें हॉयर करने के विरोध में शुरु हुई रोड़वेज की हड़ताल लगातार 18 दिन तक चली थी। सरकार और कर्मचारियों में अहम की लड़ाई में यात्री पिसते रहे थे।
वहीं प्राइवेट रुट परमिट परमिट देने के विरोध में भी सरकार और कर्मचारियों में कई दिन तक संघर्ष चलता रहा था।
सहानुभूति कम विधानसभा चुनाव का असर ज्यादा
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में देश और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला है। प्रदेश की सभी दस लोकसभा सीटों के साथ विधानसभा परिणामों पर नजर डाले तो 79 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार जीत कर निकले है। अक्टूबर में हरियाणा विधानसभा चुनाव होने प्रस्तावित है। ऐसे में मोदी लहर और नौकरियों में पार्दशिता से बना पॉजीटिव माहौल सरकार किसी भी किमत पर खोना नहीं चाहती, इसी लिए कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का फैसला जल्द और सही लिया है।
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