Chandigarh,5November2019 NewsRoots18
हरियाणा विधानसभा का नया सत्र चल रहा है, लेकिन सदन में कई खेले-खाए खिलाड़ी एक बार फिर चुन कर आए हैं। उनमें डायलॉगबाजी के जरिए नूराकुश्ती मज़ेदार होती है। पंचकूला के विधायक ज्ञान चन्द गुप्ता को स्पीकर बनाया गया है। जब उन्हें बधाई देने के लिए अभय चौटाला खड़े हुए तो अपने अंदाज में बोले कि गुप्ता जी बुरा मत मानना लेकिन एक बात है जब आप विधायक थे तो बेशक विपक्ष किसी के बारे में कोई टिप्पणी करे लेकिन आप सबसे पहले खड़े होते थे। आपको सबसे ज्यादा पीड़ा होती थी... अब ऐसा मत करना। अब आप स्पीकर बन गए हो। लेकिन आज मजेदार किस्सा ये हुआ जब गोहाना के विधायक जगबीर मलिक एक विषय-विषय पर बार-बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के भाषण में टोकाटाकी कर रहे थे तो ज्ञान चंद गुप्ता असल में ही खड़े हो गए। बिल्कुल उसी तरह जैसे वे विधायक होते हुए सरकार के बचाव में खड़े होते थे। अलबत्ता स्पीकर को खड़े होने की कोई जरूरत नहीं वह सबसे ऊंचे सिंहासन पर बैठता है और बैठ कर ही विधायकों को नसीहत दे सकता है।
########
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कोई अच्छे वक्ता तो नहीं हैं, लेकिन कभी-कभी मौके पर चोट कसूती करते हैं। मनोहर लाल खट्टर जब दोबारा अपनी सरकार चुने जाने को उपलब्धि बता रहे थे तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा खड़े होकर बोले। हमारे गढ़ी-सांपला में एक जैलदार था औऱ एक सेठ था। दोनों की आपस में ठन गई। सेठ ने अंग्रेजों से कह कर जैलदार को जैलदारी से हटवा दिया। कुछ दिन बाद वो सेटिंग करके फिर जैलदारी बहाल करवा लाया औऱ सेठ के दरवाजे पर जाकर बोला-देख सेठ मैं फेर जैलदार बन गया। सेठ बोला-तों जैलदार नी बण्या यां तो इलाके के भाग माड़े हैं। हुडा ने ये कहावत मनोहर लाल खट्टर पर मारी।
मनोहर लाल खट्टर भी कहां पीछे रहने वाले थे। तपाक से बोले एक दौड़ होती है, जिसमें मेहनत से दौड़ने वाला जीतता है औऱ एक होती है घमण्ड की दौड़, जिसमें सदा हार होती है। हुड्डा साहब आप घमण्ड की दौड़ में थे।
########
सदन में इस बार रौनकी रामबिलास शर्मा की कमी खूब खल रही है। रामबिलास शर्मा जैसे भी हों लेकिन सदन में महफ़िल लूट ले जाते थे। कोई नया विधायक ज्यादा तेजी दिखाता तो झट से बोलते अरे बैठो-बैठो तुम्हारे अब्बू जान ने हमारे साथ काम किया है। तुम मेरी बात सुनो। जब भी सत्ता पक्ष और विपक्ष में तल्खी बढ़ती तो रामबिलास शर्मा अपने चुटीले अंदाज से टकराव को खारिज कर देते। संसदीय कार्य मंत्री होने के नाते उन्होंने बखूबी काम किया। हालांकि सदन के बाहर उनके व्यवहार में बहुत बार दुर्वासा ऋषि की झलक आने लगी थी। यद्यपि जनता को यह हमेशा नागवार ही गुजरता है।
########
आज उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा में प्रीति भोज दिया था। जिसमें दुष्यंत चौटाला, मनोहर लाल खट्टर व भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक साथ बैठकर भोजन किया। इस दौरान मेरे पीछे खड़े एक अनजान व्यक्ति ने दूसरे से कहा कि कुलदीप बिश्नोई दिखाई नहीं दिए। जवाब आया-भाई आदमपुर की जनता को सलाम है। कुलदीप न तो ज्यादा सा सत्र में आता न कभी आदमपुर की आवाज उठाता, लेकिन जीत पक्की।
##########
विधानसभा में बात-बात अभय चौटाला से टक्कर लेने वाले कृष्ण बेदी इस बार सदन में नहीं है। लिहाजा किसी भी बात पर सरकार की खिंचाई का मौका न छोड़ने वाले अभय चौटाला बिना फील्डिंग बैटिंग कर रहे हैं। हालांकि पानीपत ग्रामीण के विधायक महिपाल ढांडा अभय चौटाला के आगे डटने की कोशिश करते हैं, लेकिन अभय चौटाला मुर्गीपालन पर जा अटकते हैं। कांग्रेस खेमे में इस बार रादौर से जीत कर आए बिशन लाल सैनी को भी मजबूत स्प्रिंग लगे हैं। बात कोई हो उनको जरूर खड़े होना होता है।
#########
इस बार विधानसभा में 2-3 विधायक ऐसे पहुंचे जो 4-5 पंक्तियों की शपथ पढ़ने में दिक्कत महसूस कर रहे थे। प्रोटेम स्पीकर रघुबीर कादियान ने पूरी शपथ उनसे अपने पीछे बोल-बोल कर पूरी करवाई। इनमें से एक विधायक पहले इनेलो नेता था लेकिन अब नई नवेली पार्टी से विधायक है। कुदरती पहले दिन की सीटिंग में उसकी सीट अभय चौटाला से थोड़ी दूरी पर ही आ गई। जब अभय चौटाला शपथ लेकर वापस अपनी सीट की ओर बढ़े तो नए विधायक ने आस्था जताने के लिए अभय चौटाला के पांवों की ओर हाथ बढ़ा दिया, लेकिन अभय चौटाला के पांव कभी किसी के लिए रुके हैं क्या?
0 Comments